वास्तु हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जैसे की हम सब जानते है की हमारे आस-पास की चीजें हमें प्रभावित करती हैं और साथ ही विभिन्न दिशाओं के विभिन्न तत्व होते हैं जो स्वस्थ, समृद्ध और सुखी जीवन के लिए संतुलित होने बहुत जरूरी है । आज हम बेडरूम के बारे जानेगे की बेडरूम का वास्तु और दिशा क्या होनी चाहिए।
पूर्व दिशा में बेडरूम - वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व दिशा के देवता "इंद्र" और "सूर्य" हैं। अविवाहित बच्चों के लिए यह दिशा आदर्श है।
दक्षिण-पूर्व दिशा में बेडरूम - वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण-पूर्व दिशा के देवता "अग्नि देव " हैं। वास्तु के अनुसार इस दिशा में कमरा होना सही नहीं माना जाता है। अगर इस दिशा में कमरा बनाया जाए तो इससे आपके और आपके परिवार पर कई बुरे प्रभाव पड़ेगे।
उत्तर दिशा में बेडरूम - वास्तु शास्त्र के अनुसार यह दिशा युवा जोड़ों के लिए आदर्श है। उत्तर दिशा के देवता "कुबेर" हैं। आप महत्वपूर्ण कागजात , गहने, आदि को उत्तर दिशा में रख सकते हैं।
उत्तर पूर्व दिशा में बेडरूम - वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर पूर्व दिशा के देवता "शिव" हैं। घर का यह हिस्सा पूरी तरह से खाली और साफ होना चाहिए, यह दिशा मंदिर या पूजा कक्ष के लिए आदर्श है।
पश्चिम दिशा में बेडरूम - वास्तु शास्त्र के अनुसार पश्चिम दिशा के देवता "वरुण" हैं। विद्यार्थियों के लिए यह स्थान बहुत अच्छा है यदि बेडरूम इस स्थान पर होगा तो बच्चों का मन पढ़ाई में लगेगा।
उत्तर पश्चिम दिशा में बेडरूम - वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर पश्चिम दिशा के देवता "वायु" हैं। जो लोग नवविवाहित हैं उनके लिए इस दिशा में एक बेडरूम बहुत अच्छा है।
बेडरूम में शीशे के लिए अच्छी जगह
वास्तु शास्त्र के अनुसार बेडरूम में बहुत कम चीजें होनी चाहिए, बेडरूम में शीशा नहीं होना चाहिए और अगर है तो ईशान कोण की दीवार में होना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, दर्पण को बिस्तर के सामने नहीं रखना चाहिए और शिक्षा इस तरह रखना चाहिए की सोते समय दर्पण में आपका प्रतिबिंब न दिखे।
सोने के लिए सबसे अच्छी दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार आपका सिर दक्षिण या पूर्व दिशा में होना चाहिए। वास्तु के अनुसार दोनों दिशाएं अच्छी हैं। जो व्यक्ति दक्षिण दिशा में सिर करके सोता है उसकी आयु लंबी होती है और पूर्व दिशा में समृद्धि आती है।वास्तु शास्त्र के अनुसार एक बात का ध्यान रखें कि सोते समय आपके सिर के पीछे कोई खिड़की न हो।
कमरे में बेडरूम के लिए अच्छी दिशा
पहली बात यह है बेड का आकार नियमित होना चाहिए और बिस्तर दरवाजे के ठीक सामने बेड नहीं होना चाहिए। सुनिश्चित करें कि बेड के ठीक ऊपर छत पर कोई बीम क्रॉसिंग नहीं होना चाहिए।
बेडरूम में अलमारी की दिशा
बेडरूम में अलमारी की सही जगह होना जरूरी है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सभी भारी वस्तुएं जैसे अलमारी आदि दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम में रखी जानी चाहिए। अगर इन दिशाओं में जगह नहीं है तो उत्तर पश्चिम आपके लिए दूसरा विकल्प है। जिस अलमारी में शीशा हो उसे वास्तु के अनुसार प्रयोग नहीं करना चाहिए।
बच्चे के बेडरूम की दिशा
बच्चे का बेडरूम पश्चिम दिशा में और पूर्व दिशा में होना चाहिए। बेड का स्थान पश्चिम में होना चाहिए और कमरे के दक्षिण-पश्चिम कोने में भी हो सकता है।
बच्चे के बेडरूम में गहरे रंगों के प्रयोग न करें। बेहतर होगा कि आप हल्के रंगों का प्रयोग करें। बच्चे के कमरे के लिए बैंगनी, पीले और हरे और हल्के नीले रंग आदर्श है । बच्चे के कमरे में लकड़ी की सामग्री का प्रयोग किया जाए तो बेहतर होगा। बच्चों के बेडरूम में मेटल फ्रेम और फर्नीचर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। बच्चों के बेडरूम में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का विशेष ध्यान रखें। बच्चों के कमरे में इलेक्ट्रॉनिक सामान भी नहीं होना चाहिए
बुजुर्गों के लिए (मास्टर) बेडरूम
वास्तु शास्त्र के अनुसार बुजुर्गों के बेडरूम घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इस कमरे का आकार अन्य सभी कमरों से बड़ा होना चाहिए, यदि घर बहुमंजिला है तो ऊपरी मंजिल की दक्षिण-पश्चिम दिशा उपयुक्त रहेगी। बुजुर्गों के लिए बेडरूम का स्थान पश्चिम या दक्षिण की दीवार में होना चाहिए। मास्टर बेडरूम में रंग ग्रे, हरा, हल्का गुलाब और नीला होना चाहिए। दरवाजे ठीक होने चाहिए और कोई कर्कश आवाज नहीं होनी चाहिए।
अतिथियों के लिए बेडरूम
वास्तु शास्त्र के अनुसार मेहमानों के बेडरूम के लिए आदर्श दिशा घर की उत्तर-पश्चिम दिशा है। वास्तु इस दिशा को गेस्ट हाउस के लिए सुझाता है।
बेड कमरे के दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। कोई भी बीम बिस्तर को पार नहीं करना चाहिए। इलेक्ट्रॉनिक सामान को कमरे के दक्षिण-पूर्व में रखना बेहतर होगा।
शुक्रिया।
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